144 करोड़ की यमुना योजना का पानी न मिलने से टैकरों से ढो रहे पानी।
मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए 144 करोड़ की यमुना पेयजल योजना स्वीकृत हुई, जिस पर तेजी से कार्य भी किया गया लेकिन अभी तक जनता को पानी नहीं मिल पाया है जबकि उम्मीद थी कि इस साल के मई जून के सीजन में जनता को यमुना का पानी मिलने से समस्या का समाधान हो जायेगा। लेकिन अब जो स्थित नजर आ रही है उससे लगता है कि इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष के पहले माह में ही पानी मिल पायेगा।
मसूरी की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए महत्वकांक्षी यमुना पेयजल योजना स्वीकृत की गई। लेकिन अभी तक इसका पानी जनता को नहीं मिल पा रहा है। अभी भी टैंकरों के माध्यम से होटलों में पानी की सप्लाई की जा रही है। जबकि योजना से फरवरी माह में पानी राधा भवन पहुंचा दिया गया था। लेकिन पानी साफ न होने के कारण उसका उपयोग लाइनों को साफ करने के लिए किया जा रहा है। योजना का पानी राधा भवन पहुचने पर मसूरी वासियों सहित होटल व्यवसायियों, व्यापारियों में खुशी देखी गई थी व फरवरी माह में मसूरी पानी पहुंचने की खुशी मनाई गई थी व लोगों को उम्मीद थी कि इस साल के मई जून के सीजन में पानी की किल्लत का समाधान हो जायेगा। लेकिन अभी तक यमुना के पानी का जनता को लाभ नहीं मिल पाया है। जिससे अब लोगों में निराशा का भाव पैदा हो रहा है। इस संबध में जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत का कहना है कि जल निगम ने राधा भवन पानी पहुंचा दिया है और अब उनके अधिकारियों का कहना है कि पानी पूरी तरह से साफ हो गया है व जो मानक होते है उस पर खरा उतर गया है। उनके इस दावे को लेकर जल संस्थान की टीम पानी का निरीक्षण करेगी कि यह पानी जनता के उपयोग के लायक हो गया है या नहीं। लेकिन अगर पानी साफ भी हो गया है तो इसका लाभ मिलने में अभी समय लगेगा, हो सकता है कुछ क्षेत्रों को इसका पानी मिल जाये लेकिन मसूरी को मुख्य जल भंडार गनहिल व लंढौर सर्वे जल भंडार में तो अभी तक लाइन ही नहीं बिछायी गई है। ऐसे में पानी कब जनता को मिलेगा कहा नहीं जा सकता। वहीं दूसरी ओर पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता संदीप कश्यप का कहना है कि पानी राधा भवन पहुंचा दिया गया है। हालांकि पानी तो काफी पहले पहुचा दिया गया था लेकिन तब उसकी गुणवत्ता सही न होने के कारण इस पानी को लाइनों के साफ करने में उपयोग किया गया लेकिन अब पानी पूरी तरह से साफ है व मानकों पर खरा है इसका उपयोग जनता के लिए किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक गनहिल व सर्वे जल भंडारण के लिए लाइन नहीं बिछायी गई जिस कारण दिसंबर अंत तक ही यह कार्य पूरा हो पायेगा। लंढौर की स्थिति कठिन है इसके लिए सर्वे से परमिशन मांगी गई है। अगर उनकी परमिशन आ जाती है तो लंढौर सर्वे जल भंडारण तक लाइन बिछायी जायेगी। लेकिन राधा भवन, व नान पारा जल भंडारण में लाइन पहुचा दी गई है। विद्युत सब स्टेशन पर उन्होने कहा कि जो विद्युत सब स्टेशन ख्यार्सी में बनाया जा रहा है वह यूपीसीएल बना रहा है जिसका कार्य अक्टूबर अंत तक पूरा होने की संभावना है। ऐसे में अभी पानी दिसंबर तक ही पहुचाया जा सकेगा। लेकिन योजना पूरी होने के बाद भी लंढौर छावनी क्षेत्र को इसके पानी का लाभ नहीं मिल पायेगा इसके लिए समय लग सकता है।